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रणथंभौर में बाघों का बाहर आना: क्या पक्की सड़कें जिम्मेदार हैं?

रणथंभौर नेशनल पार्क में सड़क किनारे बैठे बाघ की एक शानदार तस्वीर, जो जंगल से बाहर निकलकर शहरी क्षेत्र में आने की संभावना को दर्शाती है।

रणथंभौर नेशनल पार्क भारत के प्रसिद्ध टाइगर रिज़र्व में से एक है, जहाँ हर साल हजारों पर्यटक टाइगर सफारी का आनंद लेने आते हैं। लेकिन हाल ही में एक नई रिसर्च रिपोर्ट ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्क के अंदर बनी पक्की सड़कों की वजह से बाघ अपने प्राकृतिक आवास से बाहर निकल रहे हैं। हालांकि, कई विशेषज्ञ इस बात से सहमत नहीं हैं और इसे तर्कहीन बता रहे हैं।

WII की रिपोर्ट क्या कहती है?

WII की रिपोर्ट का कहना है कि जंगल के अंदर बनी पक्की सड़कें टाइगर मूवमेंट को प्रभावित कर रही हैं। इनका मानना है कि सड़कें वन्यजीवों के लिए एक बाधा का काम करती हैं, जिससे बाघ अपने कोर क्षेत्र को छोड़कर पार्क के बाहर निकलने लगते हैं। यह मुद्दा रणथंभौर के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यहाँ टाइगर-ह्यूमन कॉन्फ्लिक्ट की घटनाएँ भी समय-समय पर सामने आती रही हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

वन्यजीव और संरक्षण विशेषज्ञ WII की इस रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इस बात का कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि सिर्फ पक्की सड़कों की वजह से बाघ अपना कोर क्षेत्र छोड़ रहे हैं।

प्रसिद्ध वन्यजीव विशेषज्ञ धर्म बंडारी का कहना है:

"WII की रिपोर्ट अधूरी जानकारी पर आधारित है। बाघों की मूवमेंट के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे शिकार आधार की कमी, आवासीय क्षति और बढ़ता मानव हस्तक्षेप। सड़कों की भूमिका को बिना ठोस प्रमाण के दोषी नहीं ठहराया जा सकता।"

पक्की सड़कों का महत्व और संरक्षण प्रयास

रणथंभौर नेशनल पार्क में जंगल सफारी और पर्यटन काफी विकसित है, जो यहाँ की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पक्की सड़कें सिर्फ पर्यटक सुविधा के लिए ही नहीं, बल्कि वन्यजीव मॉनिटरिंग और संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण होती हैं। कई बार रेंजरों और वन अधिकारियों को त्वरित गश्त के लिए इनका उपयोग करना पड़ता है।

बाघों के बाहर आने के असली कारण क्या हो सकते हैं?

वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, बाघों की मूवमेंट को सिर्फ पक्की सड़कों तक सीमित नहीं किया जा सकता। इनके पीछे अनेक अन्य मुख्य कारण हो सकते हैं:

शिकार आधार की कमी: यदि पार्क के अंदर बाघ के शिकार योग्य जानवरों की संख्या कम हो रही है, तो वे नए शिकार की तलाश में बाहर निकल सकते हैं।

मानव-वन्यजीव संघर्ष: गाँव और खेत पार्क के पास होने की वजह से कई बार बाघ वहाँ चले जाते हैं, जो संघर्ष का कारण बनता है।

आवासीय क्षति: जंगल का क्षतिग्रस्त होना या नई विकास परियोजनाओं का आना भी बाघों की मूवमेंट को प्रभावित कर सकता है।

क्षेत्रीय संघर्ष: बाघ एक क्षेत्रीय जानवर है और कभी-कभी नए क्षेत्र की खोज में वे अपनी सीमा छोड़ देते हैं।

सही तरीके से अध्ययन की ज़रूरत

वन्यजीव संरक्षण एक गंभीर मुद्दा है और इस पर कोई भी नया निर्णय लेने से पहले अच्छे से शोध की जरूरत होती है। WII की रिपोर्ट को और अधिक डेटा विश्लेषण और फील्ड रिसर्च के साथ पेश किया जाना चाहिए, ताकि इसका वैज्ञानिक आधार और मजबूत हो।

रणथंभौर में पक्की सड़कों का मामला वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन दोनों से जुड़ा हुआ है। जब तक कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलता, तब तक सड़कों को सिर्फ बाघों के बाहर निकलने का एकमात्र कारण नहीं माना जा सकता। वन्यजीव विशेषज्ञों और सरकार को मिलकर एक बेहतर रणनीति बनानी होगी, ताकि पार्क के बाघ सुरक्षित रहें और पर्यटन भी प्रभावित न हो।  

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