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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सवाई माधोपुर में की त्रिनेत्र गणेश पूजा, रणथंभौर सफारी का लिया आनंद

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सवाई माधोपुर एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है, जहां केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपने पारिवारिक दौरे पर पहुंचे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपनी धर्मपत्नी के साथ विश्व प्रसिद्ध रणथम्भौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। देश और प्रदेश की खुशहाली के लिए भगवान त्रिनेत्र गणेश से प्रार्थना कर शेखावत ने धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया।

रणथंभौर नेशनल पार्क में ली सफारी का रोमांचक अनुभव

पूजा-अर्चना के बाद केंद्रीय मंत्री ने अपने परिवार के साथ रणथंभौर नेशनल पार्क में टाइगर सफारी का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने स्वच्छंद रूप से विचरण करते टाइगर को बेहद नजदीक से देखा और उनकी अठखेलियों को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। इस रोमांचक अनुभव से शेखावत और उनके परिजन बेहद उत्साहित नजर आए।

प्रशासनिक अधिकारियों के साथ की बैठक, सुरक्षा पर दिया जोर

रणथंभौर में टाइगर मूवमेंट और हाल ही में सामने आई घटनाओं के मद्देनज़र केंद्रीय मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने जिला कलेक्टर शुभम चौधरी, पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता और रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के CCF अनूप के आर से विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि पार्क और दुर्ग की व्यवस्थाएं जनता और पर्यावरण दोनों के हित में बेहतर की जाएं।

रणथम्भौर दुर्ग की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान

रणथम्भौर दुर्ग में भ्रमण के दौरान उन्होंने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया और निर्देश दिए कि दुर्ग की क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत का प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र मंत्रालय को भेजा जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस कार्य के लिए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय से विशेष राशि स्वीकृत कराई जाएगी, जिससे दुर्ग की ऐतिहासिकता और संरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा सकें।

टाइगर की अठखेलियों ने बनाया यात्रा को यादगार

रणथंभौर नेशनल पार्क में भ्रमण के दौरान शेखावत ने CCF और DFO से पार्क की व्यवस्थाओं और पर्यटक सुरक्षा को लेकर बातचीत की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आमजन की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और वन्य जीवों को भी किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इस दौरान रणथंभौर के शांत जंगलों में जब टाइगर ने खुले में अपनी मौजूदगी दिखाई, तो वहां मौजूद सभी लोग, खासकर केंद्रीय मंत्री और उनका परिवार, उस दृश्य से मंत्रमुग्ध हो गए। यह अनुभव न सिर्फ उनके लिए यादगार रहा, बल्कि रणथंभौर की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य की भी सजीव मिसाल बनकर सामने आया।

पर्यटन और संस्कृति के विकास के लिए सकारात्मक संकेत

सवाई माधोपुर की यह यात्रा न सिर्फ एक धार्मिक और प्राकृतिक अनुभव का संगम थी, बल्कि यह साफ संकेत भी है कि केंद्रीय सरकार अब रणथम्भौर जैसे ऐतिहासिक और पर्यावरणीय स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। ऐसे दौरे भविष्य में क्षेत्र के पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण संतुलन को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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