चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर – गुरुवार रात को बनास नदी क्षेत्र में अवैध बजरी खनन को लेकर हुई पुलिस कार्रवाई के दौरान एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद इलाके में आक्रोश फैल गया और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। लगातार गंभीर आरोपों के बीच अब पुलिस उपाधीक्षक (ग्रामीण) लाभूराम विश्नोई और थाना प्रभारी सुमन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार रात करीब 10:30 बजे चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र में बनास नदी में पुलिस की एक कार्रवाई के दौरान युवक सुरज्ञान मीना की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। शुक्रवार को लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाए कि पुलिस और बजरी माफियाओं के बीच मिलीभगत चल रही थी।
मौके पर मिली लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से डिप्टी लाभूराम नदी क्षेत्र में जा रहे थे, लेकिन कभी भी अवैध बजरी से लदे ट्रैक्टर-ट्रॉली पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।
लेन-देन को लेकर पुलिस में ही तनातनी
ग्रामीणों के अनुसार, बजरी के एक ट्रॉली के बदले पुलिस को ₹1000 तक देने पड़ते थे। इस पैसे के बंटवारे को लेकर स्थानीय पुलिस और डिप्टी के बीच कई दिनों से तनाव चल रहा था। यही विवाद इस पूरे घटनाक्रम का कारण माना जा रहा है।
पोस्टमार्टम के बाद रात में अंतिम संस्कार
मृतक सुरज्ञान मीना का सवाई माधोपुर के सामान्य चिकित्सालय में पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद देर रात अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि अभी तक युवक की मौत के असली कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट जानकारी दी जा सकेगी।
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ ट्रॉली जब्त
शनिवार को चौथ का बरवाड़ा पुलिस ने दो अवैध बजरी ट्रॉली को जब्त किया है, लेकिन अब तक किसी बजरी माफिया या आगजनी में शामिल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 40 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद पुलिस का इस दिशा में कोई ठोस कदम न उठाना कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
एसपी ममता गुप्ता का बयान
एसपी ममता गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि, “डीजीपी के आदेश पर डिप्टी लाभूराम और एसएचओ सुमन कुमार को सस्पेंड किया गया है। मामले की जांच जारी है।”
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का बयान
एएसपी रामकुमार ने कहा, “मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। आगजनी में शामिल लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।”
निष्कर्ष:
यह घटना न केवल एक युवक की संदिग्ध मौत की ओर इशारा करती है, बल्कि पुलिस व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही की गंभीर तस्वीर भी पेश करती है। जनता में विश्वास बनाए रखने के लिए निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई बेहद जरूरी है।