राजस्थान सरकार की बहुप्रतीक्षित लाडो योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। अब इस योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों को 1 लाख रुपए के स्थान पर 1.50 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संशोधन के दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिका जन्म को प्रोत्साहित करना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, बाल विवाह को रोकना, और बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना है कि बेटियां अपने जीवन के हर महत्वपूर्ण मोड़ पर आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
अब मिलेगा 50 हजार रुपए का अतिरिक्त लाभ
पहले इस योजना में सरकार द्वारा 1 लाख रुपए की सहायता दी जाती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दिया गया है। इससे पात्र बालिकाओं को अतिरिक्त 50,000 रुपए का लाभ मिलेगा। यह राशि सात किश्तों में बालिका की शिक्षा और आयु के विभिन्न पड़ावों पर प्रदान की जाएगी।
कब और कैसे मिलेगा लाभ?
लाडो योजना की राशि बालिका के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई पूरी करने और 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक चरणबद्ध तरीके से प्रदान की जाएगी। भुगतान की व्यवस्था इस प्रकार होगी:
- पहली किश्त - ₹2500: बालिका के जन्म पर।
- दूसरी किश्त - ₹2500: जब बालिका 1 वर्ष की हो जाए और सभी निर्धारित टीकाकरण पूरे हो जाएं।
- तीसरी किश्त - ₹4000: पहली कक्षा में प्रवेश के समय।
- चौथी किश्त - ₹5000: छठी कक्षा में प्रवेश पर।
- पांचवीं किश्त - ₹11000: 10वीं कक्षा में प्रवेश के समय।
- छठी किश्त - ₹25000: 12वीं कक्षा में प्रवेश पर।
- सातवीं किश्त - ₹1,00,000: स्नातक (Graduation) उत्तीर्ण करने और 21 वर्ष की आयु पूरी करने पर सीधे बालिका के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
पात्रता की शर्तें
- लाभ लेने वाली बालिका की मां राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए।
- गर्भावस्था के समय महिला का विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र, मूल निवासी प्रमाण-पत्र, और बैंक खाता विवरण अनिवार्य रूप से लिया जाएगा।
- यह समस्त जानकारी PCTS पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।
योजना का संचालन और निगरानी
- योजना का प्रशासनिक संचालन महिला अधिकारिता निदेशालय करेगा।
- योजना की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक तीन माह में जिला कलेक्टर करेंगे।
- 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जिला टास्क फोर्स योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी।
- स्नातक स्तर की पढ़ाई पूर्ण होने पर उच्च शिक्षा विभाग से दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करवाने होंगे।
शुरुआत कब से हुई?
लाडो योजना 1 अगस्त 2024 से पूरे राजस्थान में लागू हो चुकी है। योजना को लेकर 12 मार्च 2025 को विधानसभा में हुई वित्तीय चर्चा के दौरान राशि वृद्धि की घोषणा की गई थी, जो अब प्रभावी हो चुकी है।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
राजस्थान जैसे राज्य में जहां अभी भी कई क्षेत्रों में बालिका जन्म को लेकर सामाजिक भ्रांतियां हैं, वहां यह योजना बेटियों को समान अधिकार, सुरक्षा, और सशक्त भविष्य की ओर ले जाने का एक ठोस कदम है। इससे बालिकाओं का स्कूलों में ठहराव बढ़ेगा, बाल विवाह में कमी आएगी, और समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच का विकास होगा।
लाडो योजना न केवल आर्थिक सहायता का जरिया है, बल्कि यह एक संदेश है कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि समाज की वास्तविक शक्ति हैं।