राजस्थान के 50 हजार किसानों को राहत: अब डिस्कॉम खेत तक पहुंचाएगा बिजली कनेक्शन की सामग्री

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राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेती के लिए मिलने वाले बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को अब और अधिक सरल और सुलभ बनाया गया है। अब तक किसानों को खेतों में विद्युत कनेक्शन के लिए डिस्कॉम कार्यालय से सामग्री खुद अपने स्तर पर खेत तक पहुंचानी पड़ती थी, लेकिन अब यह जिम्मेदारी डिस्कॉम स्वयं निभाएगा। इससे ना सिर्फ किसानों का समय और पैसा बचेगा, बल्कि उन्हें ढुलाई से जुड़ी तमाम मुश्किलों से भी छुटकारा मिलेगा।

अब डिस्कॉम पहुंचाएगा ट्रांसफार्मर और उपकरण खेतों तक

राज्य के तीनों बिजली वितरण निगमों (डिस्कॉम) ने कृषि विद्युत कनेक्शन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। सहायक अभियंता संजय सारण के अनुसार अब किसानों को न तो डिस्कॉम स्टोर से ट्रांसफार्मर लाना पड़ेगा और न ही विद्युत पोल, इंसुलेटर, केबल, पोल ताण जैसी भारी भरकम सामग्री की ढुलाई करनी होगी। यह सारी सामग्री डिस्कॉम अब अपने स्तर पर किसान के खेत तक पहुंचाएगा।

केवल 1500 रुपये में पूरी ढुलाई: पहले होती थी हजारों की जेब पर मार

इस सुविधा के बदले में किसानों से किसी प्रकार की भारी-भरकम राशि नहीं वसूली जाएगी। डिस्कॉम द्वारा केवल 1500 रुपये की राशि पहले बिल में जोड़ी जाएगी। यह राशि बहुत ही मामूली है, क्योंकि किसानों को पहले खुद सामग्री खेत तक ले जाने में ट्रैक्टर या लोडिंग वाहन का किराया, बार-बार चक्कर लगाने की लागत, मजदूरी आदि मिलाकर हजारों रुपये खर्च करने पड़ते थे।

कई मामलों में खेत तक रास्ता न होने या गांव से दूरी ज्यादा होने के कारण यह कार्य अत्यंत कठिन और खर्चीला हो जाता था। हर किसान के पास खुद का ट्रैक्टर या लोडिंग वाहन नहीं होता, ऐसे में निजी संसाधनों की कमी के चलते उन्हें अतिरिक्त पैसा और समय दोनों खर्च करने पड़ते थे। अब यह बोझ डिस्कॉम उठाएगा।

कृषि विद्युत कनेक्शन के लिए जरूरी होती है भारी सामग्री

गौरतलब है कि कृषि कनेक्शन के लिए डिस्कॉम द्वारा किसान को विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर, केबल, इंसुलेटर, पोल ताण आदि विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। इनकी संख्या और वजन आमतौर पर बहुत अधिक होता है। कई बार इतनी सामग्री को ले जाने के लिए किसान को दो या तीन बार फेरा लगाना पड़ता है। साथ ही, अगर डिस्कॉम कार्यालय और गांव के बीच दूरी ज्यादा है, तो यह काम और भी जटिल हो जाता है। अब इस सभी प्रक्रिया को किसानों के लिए सरल बनाने के उद्देश्य से डिस्कॉम ने यह नई व्यवस्था लागू की है।

घरेलू उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगा यह लाभ

यह सुविधा फिलहाल केवल कृषि कनेक्शन लेने वाले किसानों को ही उपलब्ध कराई जाएगी। घरेलू कनेक्शन के लिए आमतौर पर केवल मीटर, केबल, बॉक्स आदि जैसे हल्के उपकरणों की जरूरत होती है, जिन्हें उपभोक्ता खुद आसानी से ले जा सकता है। इसलिए इस योजना में घरेलू उपभोक्ता शामिल नहीं होंगे।

सरकार की बड़ी घोषणा: 50 हजार कृषि और 5 लाख घरेलू कनेक्शन

राज्य सरकार ने इस साल के बजट में प्रदेश के किसानों और आम नागरिकों के लिए बिजली कनेक्शन को लेकर बड़ी घोषणा की है। सरकार द्वारा 50 हजार किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन और 5 लाख घरेलू बिजली कनेक्शन जारी किए जाएंगे। इनमें से कृषि कनेक्शन लेने वाले किसानों को ही ट्रांसपोर्ट सुविधा का लाभ मिलेगा। यह योजना किसानों की परेशानी को कम करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

किसानों के लिए समय और श्रम की बचत

नए बदलाव से किसानों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अब उन्हें बार-बार डिस्कॉम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। न ही ट्रैक्टर या लोडिंग गाड़ी का इंतजाम करना होगा। वे अपने खेत पर रहकर ही सामग्री की डिलीवरी ले सकेंगे और इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे। इससे खेती के मुख्य कामों पर ध्यान देने के लिए अधिक समय मिल सकेगा और बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया भी बाधा नहीं बनेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वागत

ग्रामीण क्षेत्रों में इस घोषणा का व्यापक स्वागत किया जा रहा है। किसान संगठनों ने सरकार के इस कदम को सराहा है और उम्मीद जताई है कि इससे बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और छोटे किसानों को भी समान सुविधा मिल सकेगी। जो किसान अब तक संसाधनों की कमी के चलते कनेक्शन लेने में देरी कर रहे थे, वे भी अब आगे आकर लाभ ले सकेंगे।

राजस्थान सरकार और डिस्कॉम द्वारा किसानों के हित में लिया गया यह फैसला सराहनीय है। खेती के लिए बिजली की उपलब्धता आज के समय में बेहद जरूरी हो गई है, खासतौर पर तब जब सिंचाई और आधुनिक कृषि उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ रहा है। ऐसे में बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को सरल बनाकर राज्य सरकार ने किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है।

अब किसानों को बिजली कनेक्शन की दौड़-धूप से राहत मिलेगी और वे केवल 1500 रुपये की मामूली राशि देकर सारी सामग्री खेत पर ही प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना आने वाले समय में किसानों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएगी।